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Last updated on 17 Jun 2025 | 12:10 PM
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पांच नहीं अब चार दिन के होंगे टेस्ट मैच, ICC कर रही है प्लानिंग, जानें कब से होगा लागू

टेस्ट क्रिकेट को चार दिवसीय करने के बारे में फिलहाल विचार किया जा रहा है और बड़े सेष पारंपरिक तौर पर मुकाबले खेलेंगे।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) टेस्ट क्रिकेट में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 2027-29 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप चक्र से छोटे देशों के लिए चार दिन के टेस्ट मैचों को मंजूरी दी जा सकती है। वहीं भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी बड़ी टीमें पांच दिन के पारंपरिक टेस्ट मुकाबले खेलती रहेंगी।


बड़ी टीमों को मिलेगी पांच दिन के टेस्ट खेलने की छूट

रिपोर्ट्स के मुताबिक, WTC 2025 फाइनल के दौरान लॉर्ड्स में हुई बैठकों में इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी। इस दौरान ICC अध्यक्ष जय शाह ने भी चार दिवसीय टेस्ट के विचार का समर्थन किया। यह कदम छोटे देशों की परेशानियों को देखते हुए उठाया जा रहा है, जो पांच दिन के टेस्ट की लंबी अवधि और खर्च को वहन करने में कठिनाई महसूस करते हैं।

हालांकि, ऐशेज, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी और नई शुरू हो रही एंडरसन-तेन्दुलकर ट्रॉफी जैसी प्रतिष्ठित सीरीज को पहले की तरह पांच टेस्ट और पांच दिन के फॉर्मेट में ही आयोजित किया जाएगा।


क्या बदलेगा चार दिन के टेस्ट में?

चार दिन के टेस्ट मैचों में एक बदलाव यह होगा कि हर दिन 90 के बजाय 98 ओवर कराए जाएंगे, जिससे समय की भरपाई की जा सके। रिपोर्ट के अनुसार, "चार दिन के टेस्ट में रोज़ाना कम से कम 98 ओवर कराने का नियम रहेगा, ताकि टेस्ट की गुणवत्ता बनी रहे।"

इस बदलाव से छोटे देशों को कम समय में ज्यादा मैचों की मेज़बानी का मौका मिलेगा। उदाहरण के लिए, तीन टेस्ट की सीरीज़ को अब तीन हफ्ते से भी कम समय में निपटाया जा सकता है।


क्यों जरूरी हो गया है ये बदलाव?

रिपोर्ट में बताया गया है कि कई छोटे क्रिकेट बोर्ड, जैसे दक्षिण अफ्रीका और न्यूज़ीलैंड, समय और संसाधनों की कमी के कारण अधिक टेस्ट मैचों की मेज़बानी नहीं कर पा रहे। दक्षिण अफ्रीका भले ही WTC 2025 का विजेता बन गया हो, लेकिन उनका घरेलू टेस्ट कार्यक्रम काफी सीमित रहा, जिसने इस समस्या को और स्पष्ट कर दिया।

चार दिन के टेस्ट मैच क्रिकेट के पारंपरिक स्वरूप में एक बड़ा बदलाव हो सकता है। हालांकि यह कदम सिर्फ छोटे क्रिकेटिंग देशों के लिए उठाया जाएगा, ताकि टेस्ट क्रिकेट को ज़्यादा व्यावहारिक और सुलभ बनाया जा सके। वहीं बड़ी टीमें अब भी पारंपरिक पांच दिवसीय मुकाबले खेलती रहेंगी।

अब देखना यह होगा कि क्या ICC इस बदलाव को आधिकारिक रूप से लागू करता है और अगर हाँ, तो इससे टेस्ट क्रिकेट का भविष्य किस दिशा में आगे बढ़ता है।

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