back icon

हिंदी समाचार

article_imageखबर
Last updated on 20 Jun 2025 | 10:11 AM
Google News IconFollow Us
SAI SUDHARSHAN DEBUT, IND vs ENG 1ST TEST: जानें किसने सौंपी साई सुदर्शन को टेस्ट डेब्यू कैप?

तमिलनाडु के इस 23 वर्षीय बाएं हाथ के बल्लेबाज ने अपनी प्रतिभा का लोहा आईपीएल 2025 में मनवाया था, जहां उन्होंने ऑरेंज कैप जीती थी।

इंग्लैंड के खिलाफ हेडिंग्ले में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में युवा सनसनी साई सुदर्शन ने अपना टेस्ट डेब्यू किया। हर भारतीय क्रिकेट फैन की निगाहें इस युवा बल्लेबाज पर टिकी थीं, और टॉस से पहले हुए एक भावुक क्षण में, उन्हें उनकी पहली टेस्ट कैप सौंपी गई।


(SAI SUDHARSHAN TEST DEBUT ) किसने सौंपी साई सुदर्शन को डेब्यू कैप?

साई सुदर्शन को उनकी डेब्यू टेस्ट कैप भारत के अनुभवी और भरोसेमंद टेस्ट बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने सौंपी। यह क्षण भारतीय टीम के लिए बेहद खास था, क्योंकि पुजारा, जिन्होंने सालों तक भारतीय टेस्ट बल्लेबाजी क्रम में नंबर 3 की अहम भूमिका निभाई है, उन्होंने ही इस युवा प्रतिभा को टेस्ट क्रिकेट के सबसे प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा। पुजारा ने टीम के घेरे में साईं सुदर्शन को कैप पहनाई, जो युवा खिलाड़ी के लिए एक प्रेरणादायक पल था।

साई सुदर्शन भारतीय टेस्ट क्रिकेट के 317वें खिलाड़ी बन गए हैं। तमिलनाडु के इस 23 वर्षीय बाएं हाथ के बल्लेबाज ने अपनी प्रतिभा का लोहा आईपीएल 2025 में मनवाया था, जहां उन्होंने ऑरेंज कैप जीती थी। इसके अलावा, उन्होंने घरेलू क्रिकेट और इंडिया-ए टीम के लिए भी लगातार शानदार प्रदर्शन किया है, जिसने उन्हें टेस्ट टीम में जगह बनाने में मदद की।


यह साई सुदर्शन के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में "सेट" पूरा करने जैसा है, क्योंकि वह पहले ही भारत के लिए तीन वनडे और एक टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी शैली और दबाव में प्रदर्शन करने की क्षमता ने चयनकर्ताओं को प्रभावित किया है, और अब उन्हें टेस्ट क्रिकेट के लंबे फॉर्मेट में अपनी क्षमता साबित करने का मौका मिला है।

पहले टेस्ट में, शुभमन गिल की अगुवाई वाली भारतीय टीम एक नई ऊर्जा और उत्साह के साथ मैदान पर उतरी है। साई सुदर्शन का डेब्यू निश्चित रूप से टीम के लिए एक सकारात्मक संकेत है और उम्मीद है कि वह आने वाले समय में भारतीय टेस्ट क्रिकेट का एक अहम हिस्सा बनेंगे। चेतेश्वर पुजारा द्वारा उन्हें कैप सौंपना, एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को कमान सौंपने जैसा ही था, जो भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए शुभ संकेत है।

Related Article