भारतीय क्रिकेट टीम ने पिछले कुछ वर्षों में विदेशी सरजमीं, खासकर सेना (SENA) देशों – दक्षिण अफ्रीका (South Africa), इंग्लैंड (England), न्यूजीलैंड (New Zealand) और ऑस्ट्रेलिया (Australia) – में अपनी धाक जमाई है। अब वे इन मुश्किल परिस्थितियों में भी मैच जीतने में सक्षम हैं। लेकिन, हर बड़ी टीम की तरह, कुछ ऐसे पल भी होते हैं जब जीत करीब दिखती है, लेकिन हाथ से फिसल जाती है। क्रिकेट की भाषा में इसे "चोक" करना कहा जाता है।
यदि लॉर्ड्स टेस्ट में भारत को हार का सामना करना पड़ता है, तो यह निश्चित रूप से भारतीय प्रशंसकों के लिए एक और निराशाजनक क्षण होगा। आइए देखते हैं SENA देशों में ऐसे ही 3 मुकाबले जहाँ भारत जीत के करीब आकर "चोक" कर गया:
मैच: इंग्लैंड बनाम भारत, पहला टेस्ट, एजबेस्टन, बर्मिंघम तारीख: 1-4 अगस्त, 2018 परिणाम: इंग्लैंड 31 रनों से जीता
2018 का इंग्लैंड दौरा भारतीय टीम के लिए एक बड़ी चुनौती था। सीरीज का पहला टेस्ट एजबेस्टन में खेला गया, और यह एक बेहद करीबी मुकाबला था। इंग्लैंड ने भारत को जीत के लिए 194 रनों का लक्ष्य दिया था। विराट कोहली ने पहली पारी में 149 रन बनाए थे और उम्मीद थी कि वह दूसरी पारी में भी टीम को जीत दिलाएंगे।
एक समय भारत का स्कोर 141/5 था, और विराट कोहली क्रीज पर थे। मैच भारत की पकड़ में लग रहा था। हालांकि, निचले क्रम के बल्लेबाजों से पर्याप्त समर्थन न मिलने और बेन स्टोक्स की शानदार गेंदबाजी के कारण, भारत ने लगातार विकेट खोए। विराट कोहली ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की, लेकिन दूसरे छोर से विकेट गिरते रहे। अंततः, भारत 162 रनों पर ऑल आउट हो गया और 31 रनों से मैच हार गया। यह हार भारतीय टीम के लिए एक बड़ा झटका थी, क्योंकि यह एक ऐसा मैच था जिसे आसानी से जीता जा सकता था।
मैच: इंग्लैंड बनाम भारत, तीसरा टेस्ट, लॉर्ड्स, लंदन तारीख: 11-14 जुलाई, 2024 परिणाम: ( इंग्लैंड 22 रनों से जीता)
इंग्लैंड द्वारा भारत को जीत के लिए 193 रनों का लक्ष्य दिए जाने के बाद, मैच भारत के पक्ष में झुका हुआ दिख रहा था। विशेषकर जब इंग्लैंड ने अपनी अंतिम छह विकेट सिर्फ 38 रनों पर गंवाए थे।
लेकिन, जैसे ही भारतीय टीम दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने उतरी, उसने अंतिम सत्र में चार महत्वपूर्ण विकेट गंवा दिए। शुभमन गिल जैसे प्रमुख बल्लेबाजों का जल्दी आउट होना, और इंग्लैंड के गेंदबाजों द्वारा कसी हुई गेंदबाजी, भारत पर दबाव बना गई। यदि केएल राहुल और ऋषभ पंत की जोड़ी टीम को बचा नहीं पाती है और भारत इस मैच को हार जाता है, तो यह एक और ऐसा "चोक" होगा जहाँ एक आसान सा दिखने वाला लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सका। यह हार 2018 के बर्मिंघम टेस्ट की याद दिलाएगी, जहाँ भारत जीत के करीब आकर फिसल गया था।
मैच: दक्षिण अफ्रीका बनाम भारत, दूसरा टेस्ट, सेंचुरियन तारीख: 13-17 जनवरी, 2018 परिणाम: दक्षिण अफ्रीका 135 रनों से जीता
2018 में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर, भारत पहले टेस्ट में हारने के बाद वापसी की उम्मीद कर रहा था। सेंचुरियन टेस्ट में, भारत को जीत के लिए 287 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य मिला था। कप्तान विराट कोहली ने पहली पारी में 153 रनों की शानदार पारी खेली थी, और उम्मीद थी कि वह एक बार फिर से मोर्चा संभालेंगे।
चौथे दिन के अंत तक भारत का स्कोर 35/3 था, लेकिन पांचवें दिन विराट कोहली और रोहित शर्मा क्रीज पर थे। ऐसा लग रहा था कि दोनों बल्लेबाज भारत को लक्ष्य के करीब ले जाएंगे। हालांकि, दक्षिण अफ्रीकी तेज गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया। लुंगी एनगिडी ने 6 विकेट लिए और भारतीय बल्लेबाजी को ध्वस्त कर दिया। भारत की पूरी टीम 151 रनों पर ऑल आउट हो गई और 135 रनों से मैच हार गई। यह भी एक ऐसा मैच था जहाँ भारतीय बल्लेबाजी क्रम दबाव में बिखर गया और एक जीत का मौका गंवा दिया।
ये वो मैच हैं जहाँ भारतीय टीम ने जीत की दहलीज पर आकर निराशा का सामना किया। ये हारें टीम को मजबूत बनाती हैं और भविष्य में ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए सबक देती हैं। भारतीय प्रशंसकों को उम्मीद है कि टीम इन अनुभवों से सीखेगी और भविष्य में ऐसे "चोक" से बचेगी।
क्या आपको लगता है कि लॉर्ड्स टेस्ट में भारत ने "चोक" किया? या यह सिर्फ एक बेहतरीन गेंदबाजी प्रदर्शन था? अपनी राय साझा करें!