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Last updated on 27 Apr 2025 | 01:03 PM
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Cheerleaders Salary: आईपीएल के एक मैच के लिए चीयरलीडर्स को मिलती है कितनी सैलरी, KKR देती है सबसे ज्यादा तनख्वाह

जहां इस लीग में खिलाड़ियों पर पैसों की बारिश होती है, वहीं चीयरलीडर्स भी कमाई के मामले में पीछे नहीं हैं।

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 में हर साल की तरह इस बार भी सभी 10 टीमों ने अपनी-अपनी चीयरलीडर्स को मैदान में उतारा है। चीयरलीडर्स लाखों रुपये कमा रही हैं। आइए जानते हैं कि एक चीयरलीडर को प्रति मैच कितनी सैलरी मिलती है और इस प्रोफेशन का सफर कहां से शुरू हुआ।


आईपीएल में चीयरलीडर्स की कमाई

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुंबई इंडियंस की एक चीयरलीडर को हर मैच के लिए करीब 20,000 रुपये मिलते हैं। पूरे सीजन में अगर कोई सभी मैचों में परफॉर्म करती है, तो वह लगभग 2.8 लाख रुपये तक कमा सकती है।

शाहरुख खान के स्वामित्व वाली कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) की टीम अपने चीयरलीडर्स को सबसे ज्यादा सैलरी देती है- लगभग 25,000 रुपये प्रति मैच। इस हिसाब से एक सीजन में उनकी कमाई 3.2 लाख रुपये तक हो सकती है।  

चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के चीयरलीडर्स को प्रति मैच 17,000 रुपये मिलते हैं। वहीं बाकी टीमों में यह रकम 12,000 से 14,000 रुपये के बीच होती है।


आईपीएल में चीयरलीडर्स के लिए पागलपन 

आईपीएल की शुरुआत 2008 में हुई थी और तभी से चीयरलीडर्स भी इसका हिस्सा बनीं। इनका मुख्य उद्देश्य दर्शकों और खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाना था। धीरे-धीरे चीयरलीडर्स न सिर्फ एक परंपरा बनीं, बल्कि आईपीएल के ग्लैमर और मनोरंजन का अहम हिस्सा भी बन गईं। 

मैच के दौरान उनके डांस मूव्स और शानदार परफॉर्मेंस दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर देते हैं। खासकर विदेशी चीयरलीडर्स का अंदाज फैंस के बीच काफी लोकप्रिय रहता है। यही वजह है कि हर टीम अपनी चीयरलीडिंग स्क्वाड को बहुत महत्व देती है। 

चीयरलीडर्स का योगदान आईपीएल के भव्य और ग्लैमरस माहौल को बनाने में बेहद महत्वपूर्ण है। क्रिकेट के रोमांच को दोगुना करने में इनकी भूमिका को नकारा नहीं जा सकता।


चीयरलीडिंग की शुरुआत कहां से हुई?

चीयरलीडिंग की शुरुआत अमेरिका से मानी जाती है। सबसे पहले 1898 में अमेरिकी फुटबॉल मैचों के दौरान पुरुष चीयरलीडर्स मैदान में नजर आए थे। उस समय टीमों का हौसला बढ़ाने का काम केवल पुरुष करते थे।  

1923 के बाद से इसमें महिलाओं की भागीदारी शुरू हुई और फिर यह धीरे-धीरे महिला प्रधान पेशा बन गया। आज यह पेशा न केवल अमेरिका बल्कि दुनियाभर के बड़े स्पोर्ट्स इवेंट्स का हिस्सा बन चुका है, जिसमें अब आईपीएल भी शामिल है।

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