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ऋषभ पंत से प्रेरित होकर BCCI ने किया चोटिल खिलाड़ियों से जुड़ी नियम में बदलाव
अब मल्टी-डे मैचों में, टीमें मैच के दौरान किसी खिलाड़ी को गंभीर चोट लगने पर उसकी जगह दूसरे खिलाड़ी को खिला सकती हैं।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने आने वाले घरेलू क्रिकेट सीजन के लिए एक नया नियम लागू किया है, जिससे सभी टीमों को बड़ी राहत मिलेगी। अब मल्टी-डे (कई दिनों तक चलने वाले) मैचों में, टीमें मैच के दौरान किसी खिलाड़ी को गंभीर चोट लगने पर उसकी जगह दूसरे खिलाड़ी को खिला सकती हैं।
क्रिकबज की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस नए "गंभीर चोट रिप्लेसमेंट" नियम के तहत, अगर किसी खिलाड़ी को फ्रैक्चर, गहरा कट या डिसलोकेशन जैसी गंभीर चोट लगती है और वह मैच में आगे नहीं खेल पाता है, तो उसकी जगह एक 'लाइक-फॉर-लाइक' (उसी तरह का) खिलाड़ी लाया जा सकता है ताकि किसी टीम को अनुचित फायदा न मिले।
नए नियम के मुख्य बिंदु
खिलाड़ियों का नामांकन: टीमों को टॉस के समय ही उन खिलाड़ियों की सूची देनी होगी जिन्हें विकल्प (substitute) के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। रिप्लेसमेंट इसी सूची से चुना जाएगा।
मंजूरी की प्रक्रिया: मैदान पर मौजूद अंपायर, डॉक्टर और मैच रेफरी से सलाह लेकर रिप्लेसमेंट पर अंतिम फैसला लेंगे।
विकेटकीपर के लिए छूट: अगर किसी विकेटकीपर को चोट लगती है, तो उसकी जगह नामित खिलाड़ियों के बाहर से भी किसी खिलाड़ी को सब्स्टीट्यूट के रूप में लाया जा सकता है।
टीम मैनेजर की जिम्मेदारी: टीम मैनेजर मैच रेफरी के पास चोट का पूरा विवरण देते हुए एक रिक्वेस्ट फॉर्म जमा करेगा।
जुर्माना और रिकॉर्ड: रिप्लेसमेंट खिलाड़ी पर चोटिल खिलाड़ी के सभी दंड और निलंबन (warnings, penalty times and suspensions) लागू होंगे। मैच के रिकॉर्ड में दोनों खिलाड़ियों के आंकड़े शामिल किए जाएंगे।
यह नया नियम काफी महत्वपूर्ण है, खासकर ऋषभ पंत और क्रिस वोक्स जैसे खिलाड़ियों को गंभीर चोट के बावजूद खेलने के लिए मजबूर होने के बाद। इस नियम का उद्देश्य घरेलू क्रिकेट में ऐसी घटनाओं को रोकना और खिलाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।