क्रिकेट की दुनिया में बड़ा बदलाव हुआ है। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने तीनों फॉर्मेट – टेस्ट, वनडे और टी20 – के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव की घोषणा की है। इनमें से कुछ नियम पहले से लागू हैं, जबकि कुछ खासतौर पर व्हाइट-बॉल क्रिकेट के लिए बनाए गए नए नियम 2 जुलाई 2025 से प्रभावी होंगे। आइए जानते हैं इन नए नियमों के बारे में आसान भाषा में:
अब से टेस्ट क्रिकेट में भी फील्डिंग टीम को हर ओवर खत्म होने के बाद 60 सेकंड के अंदर अगला ओवर शुरू करना होगा। अगर समय पर ओवर शुरू नहीं किया गया तो:
पहली दो बार चेतावनी दी जाएगी।
तीसरी बार गलती होने पर बल्लेबाजी टीम को 5 रन पेनल्टी के रूप में मिलेंगे।
अब किसी टीम को गेंद की स्थिति खराब होने पर बॉल बदलने की अनुमति खुद से नहीं होगी। कोरोना के बाद से लार (saliva) का उपयोग वैसे भी प्रतिबंधित है, और अब बॉल बदलने का फैसला सिर्फ अंपायर ही करेंगे।
अगर कोई बल्लेबाज पहले कैच आउट दिया गया और डीआरएस में पता चलता है कि गेंद सिर्फ पैड से लगी है, तो अब उस पर LBW का फैसला भी लिया जाएगा। अगर बॉल ट्रैकिंग में “अंपायर कॉल” भी आता है, तब भी बल्लेबाज आउट माना जाएगा।
अगर एक ही गेंद पर LBW और फिर रन आउट जैसे दो अपील हों, तो थर्ड अंपायर अब उसी क्रम में निर्णय देगा, जिस क्रम में अपील हुई थी। इससे निर्णय प्रक्रिया और पारदर्शी बनेगी।
अगर कोई गेंद नो बॉल है और उस पर कैच आउट की अपील होती है, तो थर्ड अंपायर को यह देखना होगा कि कैच साफ था या नहीं।
कैच वैध होने पर बल्लेबाजी टीम को केवल 1 रन (नो बॉल के लिए) मिलेगा।
कैच वैध नहीं होने पर बल्लेबाजी टीम को सभी रन मिलेंगे जो उन्होंने दौड़कर बनाए।
अगर कोई बल्लेबाज जानबूझकर शॉर्ट रन (पूरा रन नहीं दौड़ता) लेकर फायदा उठाने की कोशिश करता है:
फील्डिंग टीम तय करेगी अगली गेंद पर कौन बल्लेबाज स्ट्राइक लेगा।
बल्लेबाजी टीम पर 5 रन की पेनल्टी भी लगेगी।
अब टेस्ट और अन्य फर्स्ट क्लास मैचों में किसी खिलाड़ी को गंभीर चोट लगने पर जैसा खिलाड़ी वैसा विकल्प (Like-for-like replacement) लाने की अनुमति दी गई है। लेकिन यह बदलाव केवल अंपायरों की औपचारिक जांच के बाद ही संभव होगा।