भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व स्टार स्पिनर रविचंद्रन अश्विन एक नए विवाद में फंसते नजर आ रहे हैं। तमिलनाडु प्रीमियर लीग (TNPL) के एक मैच के दौरान उन पर बॉल टैंपरिंग यानी गेंद से छेड़छाड़ करने का आरोप लगा है। मदुरै पैंथर्स ने दिन्दिगुल ड्रैगन्स और अश्विन के खिलाफ यह शिकायत दर्ज कराई है।
यह विवाद 14 जून को खेले गए मैच से जुड़ा है। मदुरै पैंथर्स ने TNPL के आयोजकों को एक आधिकारिक शिकायत पत्र सौंपा है, जिसमें कहा गया है कि दिन्दिगुल ड्रैगन्स की टीम ने जानबूझकर रसायन लगे हुए तौलिए का इस्तेमाल कर गेंद को भारी बनाने की कोशिश की। शिकायत में यह भी दावा किया गया कि गेंद जब बल्ले से टकरा रही थी, तो उसमें धातु जैसी आवाज आ रही थी, जिससे शक गहराया।
TNPL के CEO प्रसन्ना कन्नन ने शिकायत मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा, "हमें शिकायत मिली है और हमने उसे स्वीकार कर लिया है, हालांकि नियमों के अनुसार शिकायत 24 घंटे के भीतर दी जानी चाहिए थी। इसके बावजूद हमने पैंथर्स से सबूत पेश करने को कहा है। अगर हमें ठोस सबूत मिलते हैं, तो हम एक स्वतंत्र जांच समिति गठित करेंगे। लेकिन बिना सबूत के ऐसे आरोप लगाना गलत है। अगर मदुरै पैंथर्स कोई सबूत नहीं दे पाते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"
टीम के COO एस. महेश ने TNPL को भेजे विस्तृत पत्र में लिखा, "हमारे मुकाबले के दौरान दिन्दिगुल ड्रैगन्स ने बार-बार गेंद से छेड़छाड़ की। हमने कई बार उन्हें चेतावनी दी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कथित तौर पर कैमिकल वाले तौलिए का इस्तेमाल करना जारी रखा।"
गेंद गीली होने की स्थिति में, TNPL की ओर से हर टीम को तौलिया दिया जाता है ताकि वे गेंद को सुखा सकें — लेकिन यह काम केवल मैदान में मौजूद अंपायरों की निगरानी में ही किया जा सकता है।
प्रसन्ना कन्नन ने यह भी बताया कि "हर बार जब गेंद छह रन के लिए जाती है या कोई विकेट गिरता है या ओवर ब्रेक होता है, तब अंपायर गेंद की जांच करते हैं। संबंधित मैच के दौरान उन्हें गेंद में कोई गड़बड़ी नहीं दिखी।"
अब सबकी नजरें इस पर हैं कि मदुरै पैंथर्स अपने आरोपों के पक्ष में कोई ठोस सबूत दे पाते हैं या नहीं। अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो यह TNPL के इतिहास का एक बड़ा विवाद बन सकता है। वहीं, अगर यह महज एक गलतफहमी साबित हुई, तो आरोप लगाने वाली टीम को खुद कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।