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Ind vs Eng 2nd Test: टीम इंडिया की मदद के लिए जडेजा ने तोड़ा BCCI का नियम! क्या उन पर लग सकता है जुर्माना?
एजबेस्टन टेस्ट की पहली पारी में रविंद्र जडेजा ने 89 रनों की अहम पारी खेली।
इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन टेस्ट के दूसरे दिन जब सभी भारतीय खिलाड़ी टीम बस से स्टेडियम पहुंचे, तब रवींद्र जडेजा पहले से वहां मौजूद थे। उन्होंने भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) को दरकिनार करते हुए अकेले स्टेडियम आने का फैसला किया। हालांकि यह नियम तोड़ना था, लेकिन इसका मकसद सिर्फ एक था – टीम इंडिया को मजबूत शुरुआत देना।
जडेजा की रणनीति: खुद नई गेंद झेलो, टीम को बचाओ
पहले टेस्ट में हेडिंग्ले में टीम इंडिया की टॉप ऑर्डर बुरी तरह बिखर गई थी। यही वजह थी कि जडेजा ने फैसला किया कि वह मैदान पर जल्दी पहुंचेंगे और अतिरिक्त प्रैक्टिस करेंगे। जब वे दिन की शुरुआत में 41 रन पर नाबाद थे, तो उन्होंने नई गेंद से मुकाबला करने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली। जडेजा ने मैच के बाद कहा, “मुझे लगा अगर मैं नई गेंद झेल लूं, तो आगे की पारी आसान हो जाएगी।” उनकी ये रणनीति पूरी तरह सफल रही।
गिल-जडेजा की साझेदारी: धैर्य और समझदारी की मिसाल
जब भारत ने 310/5 से अपनी पारी फिर शुरू की, तो क्रीज़ पर जडेजा और कप्तान शुभमन गिल मौजूद थे। दोनों ने मिलकर 203 रनों की शानदार साझेदारी की। शुभमन गिल ने ऐतिहासिक 269 रन बनाए — जो इंग्लैंड की धरती पर किसी भारतीय द्वारा सबसे बड़ी टेस्ट पारी है — वहीं जडेजा ने 137 गेंदों में संयमित 89 रन बनाकर पारी को मजबूती दी।
उनका योगदान बेहद अहम था। भारत ने पहली पारी में 587 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर इंग्लैंड पर पूरा दबाव बना दिया।
नियम तोड़ा, लेकिन टीम के लिए किया – BCCI नहीं देगी सज़ा
BCCI के नियमों के अनुसार, सभी खिलाड़ियों को टीम बस से एक साथ आना होता है। लेकिन कोच या चयन समिति अध्यक्ष की पूर्व अनुमति मिलने पर अपवाद की गुंजाइश रहती है। माना जा रहा है कि जडेजा को ऐसी ही अनुमति मिली थी।
सबसे बड़ी बात यह है कि उनका मकसद पूरी तरह टीम के हित में था।
जडेजा ने खुद कहा, “जब आप विदेशी जमीन पर टीम के लिए बल्ले से योगदान देते हैं, तो आत्मविश्वास बढ़ता है। यह एक चुनौती थी, जिसे मैंने स्वीकार किया।”
स्टोक्स बनाम जडेजा: पिच पर भी तकरार
मैच के दौरान एक दिलचस्प मोड़ तब आया जब इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने जडेजा पर "डेंजर एरिया" में दौड़ने की शिकायत की। स्टोक्स का मानना था कि जडेजा जानबूझकर उस हिस्से पर दौड़ रहे थे जिससे स्पिनर्स को मदद मिल सकती है।
जडेजा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “उन्हें लगा मैं अपने लिए ही रफ बना रहा हूं, लेकिन तेज गेंदबाज़ भी वही कर रहे थे।”
यह वाकया दिखाता है कि दोनों टीमें इस सीरीज़ को कितनी गंभीरता से ले रही हैं और मुकाबला कितने टक्कर का है।
रवींद्र जडेजा ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वे सिर्फ गेंदबाज़ या फील्डर ही नहीं, बल्कि टीम के संकटमोचक बल्लेबाज़ भी हैं। नियम तोड़कर स्टेडियम जल्दी पहुंचना शायद कुछ लोगों को खटक सकता है, लेकिन जब उसका नतीजा टीम के हित में निकले, तो वह एक साहसी और ज़िम्मेदार खिलाड़ी की पहचान बन जाता है।