आईपीएल 2025 में पंजाब किंग्स (PBKS) के प्रदर्शन को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। टीम के मुख्य कोच और पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग पर भारतीय खिलाड़ियों की अनदेखी कर विदेशी खिलाड़ियों को तरजीह देने का गंभीर आरोप लगाया गया है।
शनिवार को कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ एक अहम मुकाबले में, पंजाब के सलामी बल्लेबाज प्रभसिमरन सिंह (49 गेंदों में 83 रन) और प्रियंश आर्य (35 गेंदों में 69 रन) ने जबरदस्त शुरुआत दिलाई और 12 ओवरों के भीतर टीम का स्कोर 120 के पार पहुंचा दिया। लेकिन जैसे ही प्रियंश आउट हुए और बाद में प्रभसिमरन भी पवेलियन लौटे, उसके बाद टीम की बल्लेबाजी रणनीति सवालों के घेरे में आ गई।
प्रियंश के आउट होने के बाद श्रेयस अय्यर क्रीज पर आए, लेकिन नंबर 4 पर टीम ने संघर्ष कर रहे ग्लेन मैक्सवेल को भेजा, जबकि भारतीय बल्लेबाज शशांक सिंह और नेहल वढेरा जैसे इन-फॉर्म खिलाड़ी डगआउट में बैठे रहे। मैक्सवेल इस सीजन में पहले से ही खराब फॉर्म में हैं और एक बार फिर फ्लॉप साबित हुए, मात्र 7 रन बनाकर आउट हो गए।
यहां तक कि मैक्सवेल के आउट होने के बाद भी पंजाब ने भारतीय बल्लेबाजों को मौका देने के बजाय दक्षिण अफ्रीका के मार्को यानसन और ऑस्ट्रेलिया के जोश इंग्लिस को भेजा, जो ज्यादा असरदार साबित नहीं हो सके।
पूर्व भारतीय बल्लेबाज मनोज तिवारी ने इस फैसले पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इस सोच के साथ पंजाब किंग्स इस बार आईपीएल ट्रॉफी नहीं जीत पाएगी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "मेरा दिल कहता है कि पंजाब टीम इस सीजन #IPL ट्रॉफी नहीं जीत पाएगी, क्योंकि आज जो देखा उसमें कोच ने भारतीय इन-फॉर्म बल्लेबाजों नेहल वढेरा और शशांक सिंह को न भेजकर विदेशी खिलाड़ियों पर भरोसा किया, जो नाकाम रहे। इससे साफ पता चलता है कि भारतीय खिलाड़ियों पर भरोसे की कमी है। अगर इसी रणनीति पर कायम रहे तो टॉप-2 में क्वालीफाई करने के बावजूद खिताब दूर रहेगा।"
यह पहला मौका नहीं है जब रिकी पोंटिंग आलोचनाओं के घेरे में आए हैं। आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन के दौरान भी उन पर 8 विदेशी खिलाड़ियों में से 5 ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को खरीदने को लेकर सवाल उठे थे। पंजाब किंग्स के पास फिलहाल मार्कस स्टॉयनिस, ग्लेन मैक्सवेल, जोश इंग्लिस, आरोन हार्डी और जेवियर बार्टलेट जैसे ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी मौजूद हैं।