भारत को इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में पांच विकेट से हार का सामना करना पड़ा। मैच के आखिरी दिन इंग्लैंड ने 371 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत को पराजित किया। हालांकि, भारत ने चार दिनों तक शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन कई मौकों पर सुनहरे अवसर गंवा दिए, जिसके कारण वे सीरीज में इंग्लैंड से 0-1 से पिछड़ गए। इस लेख में हम उन तीन खिलाड़ियों पर नज़र डालेंगे जो भारतीय टीम की हार के मुख्य कारण बने।
भारतीय सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने खेल की पहली पारी में शतक जड़कर सुर्खियां बटोरीं। हालांकि, इसके बावजूद जायसवाल को कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, जायसवाल भारतीय गेंदबाजी के दौरान गली क्षेत्र में फील्डिंग कर रहे थे और इस दौरान उन्होंने पहली पारी में कई कैच टपकाए। जायसवाल ने पहली पारी में इंग्लैंड के तीन बल्लेबाजों को जीवनदान दिया।
उन्होंने इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज बेन डकेट का कैच 11 रनों के निजी स्कोर पर छोड़ दिया, जिसके बाद डकेट ने कुल 62 रनों की पारी खेली। जायसवाल यहीं नहीं रुके, उन्होंने ओली पोप का कैच 60 रनों पर छोड़ दिया, जिन्होंने शतकीय पारी खेलकर इंग्लैंड को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया।
इसके बाद, उन्होंने दूसरी पारी में भी डकेट का कैच छोड़ दिया जब टीम को विकेट की सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी। इसके बाद डकेट ने शतक जड़कर इंग्लैंड को जीत के करीब पहुंचा दिया।
भारतीय हरफनमौला खिलाड़ी रवींद्र जडेजा न तो बल्ले से कुछ कमाल कर सके और न ही गेंदबाजी से विकेट चटका पाए। जडेजा ने पहली पारी में 11 और दूसरी पारी में नाबाद 25 रन बनाए। इसके अलावा, उनकी गेंदबाजी में इंग्लैंड ने जमकर रन बनाए। जडेजा के खिलाफ इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज बेन डकेट ने धमाकेदार बल्लेबाजी की, इसके अलावा बेन स्टोक्स ने भी मौके पर चौका लगाया।
जडेजा ने पहली पारी में 23 ओवर में 68 रन खर्च किए, लेकिन कोई सफलता हासिल नहीं कर सके। दूसरी पारी में 24 ओवर में उन्हें केवल एक सफलता मिली, वह भी तब जब भारत के हाथ से मैच निकल चुका था। इस दौरान उन्होंने 104 रन खर्च किए।
भारतीय सलामी बल्लेबाज केएल राहुल ने दोनों पारियों में टीम को मजबूत शुरुआत दिलाई। पहली पारी में राहुल ने 42 रनों की पारी खेली और जायसवाल के साथ 91 रनों की जबरदस्त साझेदारी निभाई। दूसरी पारी में राहुल समझ चुके थे कि विकेट बल्लेबाजी के लिए अनुकूल है।
उन्होंने खेल की दूसरी पारी में 55.46 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करते हुए 247 गेंदों में 137 रन बनाए। राहुल की इस धीमी पारी के कारण टीम खेल के चौथे दिन 400 रनों के कुल आंकड़े को नहीं छू सकी।
राहुल शतक के बाद तेजी से रन बना सकते थे, लेकिन उन्होंने अपने स्ट्राइक रेट में इज़ाफ़ा नहीं किया, जिसके कारण टीम को यह निराशा हाथ लगी।