जमैका के सबीना पार्क में इतिहास का सबसे चौंकाने वाला टेस्ट मैच देखा गया, जब वेस्टइंडीज की पूरी टीम मात्र 27 रन पर सिमट गई। यह टेस्ट क्रिकेट इतिहास का दूसरा सबसे कम स्कोर है और पिछले 70 वर्षों में सबसे खराब प्रदर्शन भी।
ऑस्ट्रेलिया ने इस मुकाबले को 176 रनों से जीत लिया और इसके साथ ही तीन मैचों की टेस्ट सीरीज़ को 3-0 से अपने नाम कर लिया।
न्यूजीलैंड – 26 रन बनाम इंग्लैंड, ऑकलैंड, 1955
वेस्टइंडीज – 27 रन बनाम ऑस्ट्रेलिया, जमैका, 2025
दक्षिण अफ्रीका – 30 रन बनाम इंग्लैंड, गकेबरहा, 1896
दक्षिण अफ्रीका – 30 रन बनाम इंग्लैंड, बर्मिंघम, 1924
ऑस्ट्रेलिया के अनुभवी तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने पहले ही गेंद पर विकेट लेकर आगाज़ किया और इसके बाद सिर्फ 15 गेंदों में 5 विकेट लेकर टेस्ट इतिहास की सबसे तेज़ फाइव-फर लिया।
इसके बाद स्कॉट बोलैंड ने भी कमाल कर दिया और टेस्ट क्रिकेट में हैट्रिक लेने वाले 10वें ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज बन गए। आखिरी विकेट एक बार फिर स्टार्क ने लिया, जिन्होंने 6 ओवर में 9 रन देकर 6 विकेट चटकाए – यह उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा।
टीम के 7 बल्लेबाज खाता भी नहीं खोल सके, जो कि टेस्ट इतिहास में किसी एक पारी में सबसे अधिक "डक" हैं।
जस्टिन ग्रीव्स (11 रन) अकेले ऐसे बल्लेबाज रहे जिन्होंने दोहरे अंक में स्कोर किया।
अन्य कोई भी बल्लेबाज 5 रन से अधिक नहीं बना सका।
अगर सैम कॉन्स्टास ने स्टार्क की गेंद पर दो आसान कैच न छोड़े होते, तो यह स्कोर और भी बुरा हो सकता था।
वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के लिए यह हार केवल एक मैच नहीं, बल्कि आत्मचिंतन का विषय है। बल्लेबाजों की पूरी नाकामी और ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों का दबदबा इस मुकाबले में पूरी तरह हावी रहा। दूसरी ओर, मिचेल स्टार्क ने अपने करियर का सबसे शानदार प्रदर्शन करते हुए इस मैच को यादगार बना दिया।