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Last updated on 04 May 2025 | 09:33 AM
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Ayush Mhatre Net Worth: जानें कितना पढ़ा-लिखा है विरार का ये खिलाड़ी, अब करोड़ में है नेटवर्थ

सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले आयुष म्हात्रे को शुरूआती दिनों में अपने नाना का बहुत साथ मिला।

भारतीय क्रिकेट में एक नया नाम तेजी से उभर रहा है – आयुष म्हात्रे। महज 17 साल की उम्र में इस युवा बल्लेबाज़ ने ना सिर्फ घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया, बल्कि IPL 2025 से पहले ही वह चर्चा का केंद्र बन गया है। विरार जैसे छोटे से कस्बे से निकलकर मुंबई और फिर भारत के क्रिकेट मंच तक पहुंचना, आयुष की मेहनत, लगन और जुनून की मिसाल है।


विरार से स्टार बनने तक का सफर

आयुष का जन्म मुंबई के उपनगर विरार में हुआ। पांच साल की उम्र से ही उन्होंने क्रिकेट को अपना सपना बना लिया था। संसाधनों की कमी थी, लेकिन हौसले बुलंद थे। रोज़ाना 80 किलोमीटर की यात्रा करके वे विरार से चर्चगेट की ट्रेन पकड़ते थे ताकि मुंबई के प्रतिष्ठित मैदानों पर अभ्यास कर सकें।

इस मेहनत का नतीजा उन्हें तब मिला जब उन्होंने 2024 ईरानी कप में मुंबई के लिए पदार्पण किया। इसके बाद उन्होंने विजय हज़ारे ट्रॉफी में नागालैंड के खिलाफ 117 गेंदों में 181 रनों की तूफानी पारी खेली, जिसमें 15 चौके और 11 छक्के शामिल थे। इसके अलावा रणजी ट्रॉफी में महाराष्ट्र के खिलाफ उन्होंने 176 रन बनाकर अपनी काबिलियत का एक और प्रमाण दिया।


IPL में धमाकेदार एंट्री और CSK से जुड़ाव

आयुष को तब और सुर्खियाँ मिलीं जब वे IPL 2025 में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) की ओर से मुंबई इंडियंस के खिलाफ तीसरे नंबर पर बल्लेबाज़ी करने उतरे। वे CSK के इतिहास में खेलने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए। जहां CSK आमतौर पर अनुभवी खिलाड़ियों को प्राथमिकता देता है, वहीं आयुष पर भरोसा दिखाना उनकी प्रतिभा का प्रमाण है।


नेट वर्थ और IPL सैलरी

2025 तक आयुष की अनुमानित नेट वर्थ ₹1 से ₹2 करोड़ के बीच मानी जा रही है। घरेलू टूर्नामेंट्स में बेहतरीन प्रदर्शन और ब्रांड्स से जुड़ाव ने उनकी कमाई को बढ़ावा दिया है। IPL नीलामी में भी उन्हें बड़ी बोली मिलने की उम्मीद है, जिससे उनकी आय और लोकप्रियता दोनों बढ़ने की संभावना है।


शिक्षा और पारिवारिक सहयोग

आयुष ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई सेंट जोसेफ स्कूल, विरार से की। बाद में बेहतर क्रिकेटिंग माहौल के लिए वे डॉन बॉस्को हाई स्कूल, माटुंगा चले गए, जहां उनके नाना लक्ष्मीकांत नाईक हर दिन उन्हें अभ्यास के लिए लेकर जाते थे। क्रिकेट और पढ़ाई के बीच संतुलन बनाने के लिए उन्होंने आगे चलकर IES VN सुले गुरुजी स्कूल, दादर में दाखिला लिया।

आयुष के परिवार ने उनकी क्रिकेट यात्रा में बड़ा योगदान दिया है। उनके पिता योगेश म्हात्रे हमेशा उनके साथ खड़े रहे। जब नाना की तबीयत बिगड़ी, तो उनके मामा विजय नाईक ने उनकी मदद की। आयुष की माँ ने घर का माहौल हमेशा सकारात्मक बनाए रखा ताकि उनका ध्यान खेल पर बना रहे।


भविष्य का चमकता सितारा

आयुष म्हात्रे की कहानी एक ऐसे युवा की है जिसने कठिनाइयों को पीछे छोड़कर सपनों की ऊँचाई तक उड़ान भरी है। उनकी मेहनत, अनुशासन और समर्पण उन्हें भारत के भविष्य के स्टार खिलाड़ियों की कतार में ला खड़ा करता है। IPL और घरेलू क्रिकेट में उनका अब तक का प्रदर्शन बताता है कि यह शुरुआत है, अभी बहुत कुछ बाकी है।

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