IPL 2025 में एक नया नियम चर्चा का विषय बना हुआ है — बैट का गॉज टेस्ट (Gauge Test)। हाल ही में दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेले गए राजस्थान रॉयल्स और दिल्ली कैपिटल्स के मैच के दौरान बल्लेबाज़ रियान पराग को अपना बैट बदलना पड़ा, क्योंकि उनका बैट तय मानकों पर खरा नहीं उतरा।
गॉज टेस्ट के तहत अंपायर एक विशेष त्रिकोणीय प्लास्टिक उपकरण का उपयोग करते हैं, जिसमें बैट को स्लाइड कर यह जांचा जाता है कि उसका आकार नियमों के अनुसार है या नहीं। अगर बैट इस उपकरण से आसानी से नहीं निकलता, तो वह नियम के विरुद्ध माना जाता है।
- चौड़ाई (Width): अधिकतम 4.33 इंच
- गहराई (Depth): अधिकतम 2.68 इंच
- किनारे की मोटाई (Edge thickness): अधिकतम 1.61 इंच
- बुल्ज यानी उभार (Non-hitting side bulge): अधिकतम 0.20 इंच
दिल्ली के खिलाफ मैच में जब रियान पराग बल्लेबाज़ी करने आए, तो अंपायरों ने ऑन-फील्ड गॉज टेस्ट किया। इस दौरान उनका बैट तय सीमाओं से बड़ा निकला। कैमरे में उन्हें अंपायर से बहस करते भी देखा गया, लेकिन अंततः उन्हें बैट बदलना पड़ा।
पहले यह जांच मैच शुरू होने से पहले की जाती थी, लेकिन कुछ खिलाड़ी मैच के दौरान चुपचाप बड़ा बैट इस्तेमाल करने लगे थे। इसे रोकने के लिए अब अंपायर ऑन-फील्ड भी बैट की जांच कर रहे हैं।
इससे पहले कोलकाता नाइट राइडर्स के तीन खिलाड़ियों के बैट भी इस टेस्ट में फेल हो चुके हैं, जिन्हें बाद में बैट बदलने पड़े।
दक्षिण अफ्रीका के तेज़ गेंदबाज़ कगिसो रबाडा ने इस सीज़न की शुरुआत में ही चिंता जताई थी कि आधुनिक टी20 क्रिकेट में बल्लेबाज़ों को बहुत अधिक बढ़त मिल रही है। उन्होंने यह भी कहा था कि "अब क्रिकेट को 'बैटिंग' कहा जाना चाहिए" क्योंकि टीमों का ध्यान 300 रन के स्कोर पर है।
कुछ खिलाड़ियों पर यह आरोप भी लगा है कि वे बैट के "बुल्ज" यानी उभार को वजन की सीमा में रहकर बढ़ा देते हैं, जिससे बैट का स्वीट स्पॉट बेहतर हो जाता है। इससे गेंद ज़्यादा ताकत से हिट होती है और गेंदबाज़ों के लिए चुनौती बढ़ जाती है।
IPL 2025 में यह नया नियम खेल की निष्पक्षता बनाए रखने और बल्ले और गेंद के बीच संतुलन बनाने के लिए लाया गया है। अब हर बल्लेबाज़ को सुनिश्चित करना होगा कि उसका बैट न सिर्फ वजन में, बल्कि आकार में भी नियमों के भीतर हो — वरना उसे बदलना ही पड़ेगा।