लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर दक्षिण अफ्रीका के हाथों वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) 2025 का फाइनल गंवाने के बाद, ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम में बड़े बदलावों की सुगबुगाहट तेज हो गई है। यह हार सिर्फ एक मैच की हार नहीं, बल्कि 15 साल के ICC फाइनल में अजेय रहने के उनके गौरवशाली रिकॉर्ड का अंत है। इस हार ने टीम के प्रदर्शन, खासकर कुछ प्रमुख खिलाड़ियों के खेल पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कप्तान पैट कमिंस के नेतृत्व में टीम को अपनी रणनीति और कुछ खिलाड़ियों के भविष्य पर गहन विचार-विमर्श करना होगा।
आइए उन तीन ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों पर एक नज़र डालते हैं, जिनका WTC फाइनल में प्रदर्शन निराशाजनक रहा और जिन पर टीम से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है:
WTC फाइनल में उस्मान ख्वाजा का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। दोनों पारियों में वह सस्ते में आउट हुए, पहली पारी में 0 रन पर और दूसरी पारी में 6 रन पर। दक्षिण अफ्रीकी तेज गेंदबाज कगिसो रबाडा के सामने वह पूरी तरह बेबस नज़र आए। एक अनुभवी सलामी बल्लेबाज से ऐसे बड़े मुकाबले में टीम को ठोस शुरुआत देने की उम्मीद की जाती है, लेकिन ख्वाजा इसमें पूरी तरह विफल रहे।
संभावित कारण: ख्वाजा की उम्र (38) भी अब एक कारक हो सकती है, और युवा ओपनिंग प्रतिभाओं के लिए जगह बनाने पर विचार किया जा सकता है। बड़े मैचों में दबाव को संभालने की उनकी क्षमता पर भी सवाल उठ सकते हैं।
कैमरून ग्रीन ने WTC फाइनल में अपने प्रदर्शन से टीम को खासा निराश किया। लगभग 15 महीनों के बाद अपना पहला टेस्ट खेलते हुए, वह दोनों पारियों में तीन से अधिक गेंदें नहीं खेल पाए और दोनों बार कगिसो रबाडा का शिकार बने। उनका खराब शॉट चयन और तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने की उनकी क्षमता पर भी सवाल उठ रहे हैं।
संभावित कारण: ग्रीन को एक उच्च क्षमता वाला ऑलराउंडर माना जाता है, लेकिन टेस्ट में नंबर 3 पर उनकी भूमिका और स्थिरता को लेकर अनिश्चितता है। उनकी बल्लेबाजी में निरंतरता की कमी टीम प्रबंधन के लिए चिंता का विषय हो सकती है, खासकर जब टीम संतुलन की बात आती है।
हालांकि नाथन लियोन ने पहली पारी में रनों पर लगाम लगाई, लेकिन तीसरे दिन जब ऑस्ट्रेलिया को अपनी 74 रनों की बढ़त का फायदा उठाने और दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों पर दबाव बनाने के लिए एक अनुभवी स्पिनर की जरूरत थी, तब वह उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके। दूसरी पारी में उन्हें कोई विकेट नहीं मिला और वह काफी महंगे साबित हुए।
संभावित कारण: ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर उनकी प्रभावशाली गेंदबाजी के बावजूद, विदेशी पिचों, खासकर जहां ज्यादा स्पिन नहीं होती, वहां उनकी प्रभावशीलता पर सवाल उठ सकते हैं। टीम एक ऐसे स्पिनर की तलाश कर सकती है जो अधिक आक्रामक हो या जो बल्लेबाजी में भी कुछ योगदान दे सके।
WTC फाइनल 2025 में मिली हार ऑस्ट्रेलिया के लिए एक कड़वा सबक है। टीम प्रबंधन को न केवल इन तीन खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर विचार करना होगा, बल्कि युवा प्रतिभाओं को मौका देने और टीम को भविष्य के लिए तैयार करने की दिशा में भी कदम उठाने होंगे। आने वाले महीनों में ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम में कुछ बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।