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कुलदीप यादव को चौथे टेस्ट में क्यों रखा गया है बाहर? गौतम गंभीर के फैसले पर भड़के अश्विन
भारत के पास सीरीज में बराबरी करने के ये अहम मौका है। इंग्लैंड श्रृंखला में 2-1 से आगे है।
मैनचेस्टर में खेले जा रहे भारत-इंग्लैंड सीरीज़ के चौथे टेस्ट में गेंदबाज़ी में भारत के खराब प्रदर्शन के बाद पूर्व दिग्गज ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने टीम मैनेजमेंट के फैसलों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने खासतौर पर कुलदीप यादव को प्लेइंग इलेवन में शामिल न करने को लेकर नाराज़गी जताई।
कुलदीप को शामिल करना था "नो-ब्रेनर" फैसला - अश्विन
अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, “अगर किसी ने मुझे सीरीज शुरू होने से पहले कहा होता कि कुलदीप यादव को पहले चार टेस्ट में एक भी मैच नहीं मिलेगा, तो मैं बहुत हैरान होता। ये हमारी बल्लेबाजी गहराई के पीछे की अति दीवानगी का नतीजा है।”
उन्होंने यह भी कहा कि बल्लेबाजी में 20-30 अतिरिक्त रन से ज्यादा जरूरी होता है कि आप विपक्षी टीम के 20 विकेट लेने की योजना बनाएं। उनके अनुसार, इंग्लैंड की सपाट पिचों पर ये छोटे-छोटे रन अब ज्यादा मायने नहीं रखते, और कुलदीप जैसा अटैकिंग स्पिनर बड़े फर्क ला सकता था।
"तेज गेंदबाज़ थक चुके हैं, स्पिन का विकल्प होना चाहिए था"
अश्विन ने कहा कि टीम के प्रमुख तेज़ गेंदबाज़ जैसे जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज थक चुके हैं। ऐसे में कुलदीप को खेलने का मौका देना बिल्कुल तर्कसंगत होता। "जब नितीश कुमार रेड्डी बाहर हो गए, तो कुलदीप को टीम में शामिल करना बिल्कुल स्पष्ट और सही फैसला होता।"
उन्होंने यह भी कहा कि जब रविंद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर जैसे ऑलराउंडर टीम में हैं जो अच्छी बल्लेबाज़ी कर सकते हैं, तो फिर गेंदबाज़ी को मजबूत क्यों नहीं किया गया?
"कुलदीप एक विकेट भी लेते तो फर्क पड़ता"
अश्विन ने यह नहीं कहा कि कुलदीप यादव पांच विकेट जरूर लेते, लेकिन उन्होंने यह ज़रूर कहा कि कुलदीप जैसे स्पिनर की मौजूदगी बल्लेबाज़ के दिमाग पर असर डालती।
“बहुत सारे बल्लेबाज़ कुलदीप को ठीक से पढ़ नहीं पाते। यह उनके खिलाफ खेलने वाले बल्लेबाज़ों के लिए एक मनोवैज्ञानिक चुनौती बन सकता था।”
टीम चयन में संतुलन की कमी
भारत की गेंदबाज़ी रणनीति पर सवाल उठाते हुए अश्विन ने यह भी कहा कि अगर शार्दूल ठाकुर से सिर्फ 5-6 ओवर ही कराए जाने थे, तो फिर कुलदीप को क्यों नहीं मौका मिला?
“मैं शार्दूल को पसंद करता हूं, लेकिन अगर उनसे सिर्फ 5 ओवर ही कराए जाने थे तो फिर एक विकेट लेने वाला स्पेशलिस्ट क्यों नहीं?”
सीरीज़ में पिछड़ने की कगार पर भारत
फिलहाल भारत सीरीज़ में 1-2 से पीछे है और अगर मैनचेस्टर टेस्ट भी हार जाता है तो श्रृंखला बचाने की उम्मीदें खत्म हो जाएंगी। अश्विन की तीखी आलोचना यह दिखाती है कि भारत का टीम चयन और संतुलन शायद इंग्लैंड जैसे दौरे के लिए उपयुक्त नहीं रहा।