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Last updated on 22 Jul 2025 | 12:38 PM
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रवि शास्त्री ने चुने भारत के अब तक के 5 सबसे महान क्रिकेटर, लिस्ट में नहीं है रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ का नाम

पूर्व भारतीय कोच की इस सूची में गांगुली और लक्ष्मण जैसे दिग्गजों को भी शामिल नहीं है।

पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री ने हाल ही में एक पॉडकास्ट शो 'Stick to Cricket' में भारत के अब तक के 5 सबसे महान क्रिकेटर्स के नाम बताए। चौंकाने वाली बात यह रही कि उन्होंने रोहित शर्मा, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली, और वीवीएस लक्ष्मण जैसे बड़े नामों को इस लिस्ट से बाहर रखा।

शास्त्री ने अपनी लिस्ट में उन्हीं खिलाड़ियों को शामिल किया, जिन्होंने न केवल बल्ले और गेंद से कमाल किया, बल्कि नेतृत्व और टीम के भविष्य को आकार देने में भी बड़ा योगदान दिया।


1. सचिन तेंदुलकर – क्रिकेट के भगवान

रवि शास्त्री की लिस्ट में सबसे पहला नाम था सचिन तेंदुलकर का। क्रिकेट इतिहास के सबसे महान बल्लेबाजों में गिने जाने वाले सचिन ने 34357 रन बनाए हैं, जिसमें 100 शतक और 164 अर्धशतक शामिल हैं। उनका औसत 48.52 और बेस्ट स्कोर नाबाद 248 रन रहा।


2. विराट कोहली – आधुनिक दौर का दिग्गज

दूसरे नंबर पर हैं विराट कोहली, जिन्होंने बल्ले से तो कमाल किया ही, टेस्ट टीम की दिशा भी बदली। कोहली के नाम अब तक 27599 रन, 82 शतक, और 143 अर्धशतक हैं। उनका औसत 52.27 है।


3. महेंद्र सिंह धोनी – ट्रॉफी के बादशाह

तीसरे स्थान पर हैं एमएस धोनी, जो इकलौते ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने तीनों ICC ट्रॉफी (T20 WC, ODI WC, और Champions Trophy) भारत को जिताई। उन्होंने 17092 रन बनाए हैं और 15 शतक जड़े हैं।


4. सुनील गावस्कर – पहली पीढ़ी के सुपरस्टार

चौथे नंबर पर हैं सुनील गावस्कर, जो भारत के पहले क्रिकेटिंग सुपरस्टार माने जाते हैं। उन्होंने 13214 रन, 35 शतक और 72 अर्धशतक के साथ टेस्ट क्रिकेट में भारत की साख मजबूत की।


5. कपिल देव – भारत के पहले वर्ल्ड कप विजेता कप्तान

पांचवें और आखिरी नाम हैं कपिल देव, जिन्होंने 1983 वर्ल्ड कप जिताकर भारतीय क्रिकेट को नई पहचान दी। उन्होंने 9031 रन बनाए और 687 विकेट लिए। वो भारत के महानतम ऑलराउंडर्स में से एक हैं।


रोहित शर्मा, द्रविड़, गांगुली क्यों नहीं?

रवि शास्त्री ने इन दिग्गजों को लिस्ट से बाहर रखा, संभवतः इस आधार पर कि उनकी तुलना में चुने गए खिलाड़ियों का प्रभाव अधिक गहरा रहा। हालांकि यह चयन पूरी तरह शास्त्री की निजी राय पर आधारित है।

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