भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान रोहित शर्मा के संन्यास के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि अगला टेस्ट कप्तान कौन होगा? इस पर पूर्व कोच रवि शास्त्री ने अपनी राय खुलकर रखी है। उनका मानना है कि अब समय आ गया है कि टीम युवा चेहरों पर दांव लगाए, न कि सिर्फ अनुभव पर भरोसा करे।
रवि शास्त्री ने साफ कहा है कि वह जसप्रीत बुमराह को कप्तानी सौंपने के पक्ष में नहीं हैं। उनका कहना है कि बुमराह टीम के सबसे अहम गेंदबाज हैं और कप्तानी का अतिरिक्त दबाव उनके प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है।
शास्त्री ने कहा, “मेरे लिए ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद अगर किसी को कप्तान बनाना होता तो वो बुमराह हो सकते थे, लेकिन मैं नहीं चाहता कि उन्हें कप्तान बनाया जाए और फिर हम एक शानदार गेंदबाज को खो दें।”
बुमराह पिछले कुछ समय से पीठ की समस्या से जूझते रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भी उन्हें बीच मैच में बाहर होना पड़ा था। उस समय वह उपकप्तान थे और एक टेस्ट में कप्तानी भी की थी, लेकिन चोट के कारण पूरी सीरीज़ में उनका योगदान सीमित रहा।
शास्त्री का मानना है कि बुमराह जैसे गेंदबाज को टेस्ट क्रिकेट में लंबी स्पेल डालनी होती है, 10 से 15 ओवर तक, जो आईपीएल के 4 ओवरों से बिल्कुल अलग है। ऐसे में कप्तानी का दबाव उनके शरीर पर और भी असर डाल सकता है।
रवि शास्त्री ने अपने पसंदीदा विकल्प भी बताए हैं। उन्होंने शुबमन गिल और ऋषभ पंत को भविष्य के टेस्ट कप्तान के रूप में देखा है। शास्त्री के अनुसार, अब समय है कि भारत युवा सोच और नए नेतृत्व की ओर बढ़े।
गिल लगातार अच्छे प्रदर्शन कर रहे हैं और उनमें नेतृत्व की क्षमता भी देखी गई है। वहीं पंत ने भी मैदान पर आक्रामकता और रणनीतिक सोच से सभी का ध्यान खींचा है।
रवि शास्त्री का संदेश साफ है कि भारतीय टेस्ट क्रिकेट में बदलाव का समय आ गया है। जहां एक ओर अनुभव मायने रखता है, वहीं दूसरी ओर भविष्य की नींव युवा कंधों पर ही रखी जानी चाहिए। कप्तानी का फैसला सिर्फ नाम के आधार पर नहीं, बल्कि टीम की लंबी सोच और खिलाड़ी की भूमिका को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए।