भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने हाल ही में उस पल को साझा किया जब उन्हें यह अहसास हुआ कि उनका अंतरराष्ट्रीय करियर अब खत्म होने की कगार पर है। धवन के मुताबिक, जब ईशान किशन ने बांग्लादेश के खिलाफ धमाकेदार दोहरा शतक जड़ा, तभी उनके मन में एक अंदरूनी आवाज आई — "अब शायद तुम्हारा वक्त पूरा हो गया है।"
बात है बांग्लादेश दौरे की, जहां अंतिम वनडे में कप्तान रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में ईशान किशन और शिखर धवन ने पारी की शुरुआत की थी। जहां धवन मात्र 3 रन बनाकर आउट हो गए, वहीं ईशान किशन ने 131 गेंदों में 210 रन ठोक दिए — 24 चौके और 10 छक्कों के साथ। इसी मैच को धवन का आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच माना गया।
धवन ने हिन्दुस्तान टाइम्स से बातचीत में कहा, “मैं लगातार 50-70 रन बना रहा था, लेकिन शतक नहीं आ रहे थे। जब ईशान ने 200 मारा, मुझे भीतर से एक संकेत मिला कि भाई, अब ये अंत हो सकता है। मेरे दोस्त मुझे संभालने आए, लेकिन मैं तो मस्त था, चिल कर रहा था।”
धवन ने यह भी माना कि शुभमन गिल के लगातार सभी फॉर्मेट्स में बेहतरीन प्रदर्शन ने भी उनकी जगह को और मुश्किल बना दिया। “गिल टेस्ट और टी20 में भी अच्छा कर रहा था, और मैं केवल वनडे में ही खेल रहा था। जब कोई खिलाड़ी सभी फॉर्मेट में परफॉर्म कर रहा हो, तो वो कोचेस और चयनकर्ताओं की नजर में रहता है। गिल ने अपने दम पर माहौल बना लिया था।”
धवन ने अपनी किताब ‘The One’ के लॉन्च से पहले यह सभी बातें साझा कीं।
धवन को टी20 वर्ल्ड कप 2021 के लिए टीम में नहीं चुना गया, और वहीं से उनके टी20 करियर पर भी विराम लग गया। “मुझे पहले से अंदाजा था कि मेरा नाम नहीं आएगा। मैं जानता था, और मैंने किसी से पूछा भी नहीं। पूछ भी लेता तो उनके पास जवाब होता, मेरे पास अपना तर्क। इससे कुछ बदलने वाला नहीं था।”
धवन ने बाद में श्रीलंका दौरे पर एक युवा टीम की कप्तानी की, जो उनकी अंतिम टी20I सीरीज़ साबित हुई।
शिखर धवन का यह आत्म-स्वीकार एक बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे एक अनुभवी खिलाड़ी अपने करियर के उतार-चढ़ाव को परिपक्वता और सकारात्मकता से स्वीकार करता है। ईशान किशन और शुभमन गिल जैसे युवा खिलाड़ियों के आगमन ने भले ही धवन के करियर को विराम दिया हो, लेकिन उनका योगदान और अंदाज़ क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में हमेशा जीवित रहेगा।