इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी की शुरुआत भारत के लिए निराशाजनक रही। लीड्स के हेडिंग्ले मैदान पर खेले गए पहले टेस्ट में टीम इंडिया एक समय मजबूत स्थिति में थी, लेकिन मैच का अंत इंग्लैंड के हाथों 5 विकेट की करारी हार के रूप में हुआ। इंग्लैंड ने मैच के पांचवें दिन 352 रन बनाकर जीत दर्ज की, जो पिछले 77 वर्षों में किसी भी टीम द्वारा पांचवें दिन सबसे ज़्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड है।
भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने मैच के बाद अपनी प्रतिक्रिया में माना कि भारत की हार की बड़ी वजह निचले क्रम की खराब बल्लेबाज़ी और मैदान पर गिराए गए कैच रहे।
गिल ने कहा, “यह एक शानदार टेस्ट मैच था, लेकिन हमने कई मौके गंवाए। कैच छोड़े और निचले क्रम का योगदान बहुत कम रहा। इसके बावजूद मैं टीम के प्रयास से संतुष्ट हूं। यह एक युवा टीम है और समय के साथ बेहतर होगी।”
भारत की दोनों पारियों में तेज़ गिरावट देखने को मिली – पहली पारी में 41 रन पर 7 विकेट और दूसरी में 31 रन पर 6 विकेट गिरे। गिल ने स्वीकार किया कि यदि निचले क्रम से थोड़ी मदद मिलती तो मैच का नतीजा अलग हो सकता था।
गिल ने आगे कहा कि भारतीय टीम की योजना 430 रन बनाकर पारी घोषित करने की थी, लेकिन अंतिम ओवरों में रन नहीं बन पाने के कारण योजना विफल रही।
“हम सोच रहे थे कि 430 तक पहुंचकर पारी घोषित करें, लेकिन रन नहीं बन पाए और ये हमारे लिए मुश्किल बना।”
उन्होंने यह भी माना कि जैसे-जैसे गेंद पुरानी होती गई, इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों को खेलने में आसानी हुई और उन्होंने मौके भुनाए।
“हमने पहले सेशन में अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन जब गेंद पुरानी हुई तो रन रोकना मुश्किल हो गया।”
जब शुभमन गिल से पूछा गया कि जसप्रीत बुमराह को लेकर टेस्ट मैचों की कोई पूर्व योजना है या नहीं, तो उन्होंने साफ किया कि यह निर्णय हर मैच के पहले लिया जाएगा।
“हम मैच के नज़दीक पहुंचने पर निर्णय लेंगे कि कौन खेलेगा।”
भारत के लिए यह हार एक सीख है। शुभमन गिल की कप्तानी की यह शुरुआत उम्मीदों से परे रही, लेकिन उन्होंने आत्ममंथन करते हुए साफ कर दिया है कि टीम में सुधार की गुंजाइश है और युवा खिलाड़ी सीखते हुए आगे बढ़ेंगे।