back icon

हिंदी समाचार

article_imageखबर
Last updated on 05 Aug 2025 | 05:29 AM
Google News IconFollow Us
ENG vs IND 2025: सीरीज में शानदार प्रदर्शन के बावजूद सुनील गावस्कर ने गौतम गंभीर पर क्यों साधा निशाना?

टीम इंडिया ने शुभमन गिल की कप्तानी में इंग्लैंड के खिलाफ ऐतिहासिक प्रदर्शन किया।

भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ ओवल टेस्ट में 6 रन से ऐतिहासिक जीत दर्ज की और इसके साथ ही 5 मैचों की सीरीज़ को 2-2 की बराबरी पर खत्म किया। इस मुकाबले में मोहम्मद सिराज की अंतिम दिन की घातक गेंदबाज़ी ने टीम इंडिया को जीत दिलाई, लेकिन इसी के साथ "वर्कलोड मैनेजमेंट" की बहस भी एक बार फिर चर्चा में आ गई है।

पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज़ सुनील गावस्कर ने इस बहाने टीम इंडिया के कोच गौतम गंभीर और चयनकर्ताओं की उस सोच पर सवाल उठाया जिसमें खिलाड़ियों को बार-बार आराम दिया जा रहा है।


"वर्कलोड केवल मानसिक बहाना है" – गावस्कर

एनडीटीवी के मुताबिक गावस्कर ने सिराज की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने पूरी सीरीज़ में 185 ओवर से ज्यादा गेंदबाज़ी की और ओवल टेस्ट में निर्णायक पांच विकेट लेकर भारत को जीत दिलाई। उन्होंने कहा, “सिराज ने अपनी जान झोंक दी इस सीरीज़ में। पांचों टेस्ट में लगातार गेंदबाज़ी की। 6-7 ओवर के लंबे स्पेल डाले, क्योंकि कप्तान को ज़रूरत थी और देश को उम्मीद थी। ये ‘वर्कलोड’ शब्द अब भारतीय क्रिकेट की डिक्शनरी से हट जाना चाहिए।”


"क्या सरहद पर तैनात जवान ठंड की शिकायत करते हैं?"

गावस्कर ने गंभीर पर सीधा हमला करते हुए कहा, “अगर आप हर बार वर्कलोड की बात मानेंगे, तो आपके सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी मैदान पर नहीं उतरेंगे। जब आप देश के लिए खेल रहे हैं, तो दर्द और थकान को भूल जाना चाहिए। क्या बॉर्डर पर तैनात जवान ठंड की शिकायत करते हैं? नहीं। वो देश के लिए अपनी जान तक दे देते हैं। क्रिकेटर्स को भी वही जज़्बा दिखाना चाहिए।”


ऋषभ पंत को बताया सच्चा उदाहरण

गावस्कर ने चौथे टेस्ट में चोटिल पैर के बावजूद खेलने वाले ऋषभ पंत की भी तारीफ की। उन्होंने कहा, “पंत ने फ्रैक्चर के बावजूद बल्लेबाज़ी की और अर्धशतक जमाया। ये होता है देश के लिए खेलने का जज़्बा। ये सोच होनी चाहिए हर खिलाड़ी में। यह सौभाग्य की बात है कि आप 140 करोड़ में से चुने गए हैं भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए। इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।”


बुमराह को लेकर दी सफाई

हालांकि, गावस्कर ने माना कि जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति सिर्फ वर्कलोड की वजह से नहीं थी, बल्कि वह चोटिल थे। उन्होंने कहा, “बुमराह गंभीर चोट से जूझे हैं। जब उन्होंने दो टेस्ट खेले तो दोनों में पांच-पांच विकेट लिए। टीम भले न जीती हो, लेकिन उन्होंने अपनी भूमिका निभाई।”


खिलाड़ियों में होना चाहिए देशभक्ति का जज़्बा

गावस्कर का साफ संदेश है कि जब खिलाड़ी भारत के लिए खेल रहे हों, तो उन्हें मानसिक और शारीरिक थकान से ऊपर उठकर प्रदर्शन करना चाहिए। मोहम्मद सिराज और ऋषभ पंत जैसे उदाहरणों से सीख लेनी चाहिए और "वर्कलोड" जैसी आधुनिक बहानों को दरकिनार कर देना चाहिए।

Related Article