हिंदी समाचार
टेस्ट में विराट ‘किंग’ कोहली की पांच यादगार पारियां
अपने शानदार करियर में, कोहली ने कई यादगार पारियां खेली हैं, जिन्होंने न केवल भारत को जीत दिलाई बल्कि क्रिकेट प्रशंसकों के दिलों पर भी गहरी छाप छोड़ी।
आधुनिक क्रिकेट के महानतम बल्लेबाजों में से एक विराट कोहली ने सोमवार, 12 मई को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। कोहली ने अपने इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट के ज़रिए रिटायरमेंट का ऐलान किया। आपको बता दें, कोहली ने टेस्ट क्रिकेट की 210 पारियों में 9230 रन बनाए हैं और इस दौरान उन्होंने 30 शतक और 31 अर्धशतक भी लगाए हैं। कोहली का टेस्ट में 46.85 का औसत रहा है। भारतीय पूर्व कप्तान विराट कोहली ने अपना आखिरी टेस्ट सीरीज ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था।
उनकी बल्लेबाजी में तकनीकी कौशल, अटूट दृढ़ संकल्प और दबाव में प्रदर्शन करने की अद्भुत क्षमता का मिश्रण दिखता है। अपने शानदार करियर में, कोहली ने कई यादगार पारियां खेली हैं, जिन्होंने न केवल भारत को जीत दिलाई बल्कि क्रिकेट प्रशंसकों के दिलों पर भी गहरी छाप छोड़ी। यहां उनकी पांच ऐसी ही बेहतरीन टेस्ट पारियों (Virat Kohli's 5 Best Test Innings) पर एक नजर डालते हैं:
1. 116 बनाम ऑस्ट्रेलिया, एडिलेड (2014)
दिसंबर 2014 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में खेला गया यह मैच विराट कोहली के नेतृत्व में भारत का पहला टेस्ट था। पहली पारी में 115 रन बनाने के बाद, भारत को चौथी पारी में जीत के लिए 364 रनों का लक्ष्य मिला। कोहली ने एक छोर संभाले रखा और शानदार बल्लेबाजी करते हुए 175 गेंदों में 116 रन बनाए। उनकी पारी में 9 चौके और 1 छक्का शामिल था। दुर्भाग्य से, उन्हें नाथन लियोन ने आउट कर दिया और भारत 48 रनों से मैच हार गया। हालांकि, इस पारी ने कोहली के जुझारूपन और कभी हार न मानने वाले रवैये को दर्शाया, और उन्हें एक साहसी कप्तान के रूप में स्थापित किया।
2. 141 बनाम ऑस्ट्रेलिया, एडिलेड (2014)
उसी एडिलेड टेस्ट की दूसरी पारी में, लक्ष्य का पीछा करते हुए कोहली ने एक और शानदार शतक जड़ा। पहली पारी के शतक के बाद दूसरी पारी में भी शतक लगाने वाले वह भारत के सिर्फ दूसरे बल्लेबाज बने। उनकी 175 गेंदों की 141 रनों की पारी में 16 चौके और 1 छक्का शामिल था। उन्होंने मुरली विजय के साथ मिलकर शतकीय साझेदारी निभाई और भारत को जीत के करीब ले गए। एक बार फिर, उनके आउट होने के बाद भारत लड़खड़ा गया और मैच हार गया, लेकिन कोहली की इस पारी ने दिखाया कि उनमें किसी भी परिस्थिति में रन बनाने की क्षमता है।
3. 169 बनाम ऑस्ट्रेलिया, मेलबर्न (2014): कप्तानी पारी का उत्कृष्ट उदाहरण
मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर 2014 के बॉक्सिंग डे टेस्ट में विराट कोहली ने एक और बेहतरीन पारी खेली। ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 530 रन बनाए थे, जिसके जवाब में भारत को एक बड़ी साझेदारी की जरूरत थी। कोहली ने अजिंक्य रहाणे के साथ मिलकर चौथे विकेट के लिए 262 रनों की साझेदारी की। कोहली ने 272 गेंदों में 169 रन बनाए, जिसमें 18 चौके शामिल थे। यह न केवल एक महत्वपूर्ण व्यक्तिगत पारी थी, बल्कि एक कप्तान के रूप में उन्होंने जिम्मेदारी से बल्लेबाजी करते हुए टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। यह मैच ड्रॉ रहा, लेकिन कोहली की यह पारी उनकी कप्तानी क्षमता का शानदार प्रदर्शन थी।
4. 200 बनाम वेस्टइंडीज, नॉर्थ साउंड (2016): पहला दोहरा शतक और दबदबे की शुरुआत
2016 में वेस्टइंडीज दौरे के पहले टेस्ट में विराट कोहली ने अपने टेस्ट करियर का पहला दोहरा शतक लगाया। नॉर्थ साउंड के एंटीगुआ में उन्होंने 283 गेंदों में 200 रन बनाए, जिसमें 24 चौके शामिल थे। उनकी इस मैराथन पारी ने भारत को पहली पारी में विशाल स्कोर खड़ा करने में मदद की। कोहली ने संयम और आक्रामकता का बेहतरीन मिश्रण दिखाया और वेस्टइंडीज के गेंदबाजों को हावी होने का कोई मौका नहीं दिया। भारत ने यह मैच आसानी से जीता और कोहली का यह दोहरा शतक उनके करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ।
5. 254 बनाम दक्षिण अफ्रीका, पुणे (2019)
अक्टूबर 2019 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पुणे में खेले गए टेस्ट में विराट कोहली ने अपने टेस्ट करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेली। उन्होंने नाबाद 254 रन बनाए, जिसमें 336 गेंदों का सामना किया और 33 चौके और 2 छक्के जड़े। यह पारी उनकी अटूट एकाग्रता, धैर्य और रन बनाने की भूख का अद्भुत उदाहरण थी। उन्होंने अजिंक्य रहाणे के साथ मिलकर एक लंबी साझेदारी निभाई और भारत को 601 रनों के विशाल स्कोर तक पहुंचाया। भारत ने यह मैच एक पारी और 137 रनों से जीता और कोहली की यह पारी उनकी बल्लेबाजी की महानता का प्रमाण थी।
विराट कोहली की ये पांच पारियां उनके टेस्ट करियर के कई शानदार पलों में से सिर्फ एक झलक हैं। उन्होंने न केवल रन बनाए बल्कि मुश्किल परिस्थितियों में टीम को जीत दिलाने के लिए संघर्ष भी किया। उनकी बल्लेबाजी हमेशा भारतीय क्रिकेट के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज रहेगी।