भारत भले ही लॉर्ड्स टेस्ट में करारी हार झेल चुका हो, लेकिन टीम के लिए राहत की खबर यह है कि विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत की चोट गंभीर नहीं है। तीसरे टेस्ट के दौरान उनकी बाईं हाथ की तर्जनी उंगली पर तेज गेंद लग गई थी, लेकिन टीम के कार्यवाहक कप्तान शुभमन गिल ने संकेत दिए हैं कि पंत मैनचेस्टर में 23 जुलाई से शुरू हो रहे चौथे टेस्ट तक फिट हो जाएंगे।
लॉर्ड्स टेस्ट के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए शुभमन गिल ने बताया, “वो ठीक हो जाएंगे। कोई बड़ी चोट नहीं है।” पंत को यह चोट पहली पारी में लगी थी जब वह जसप्रीत बुमराह की लेग साइड की एक गेंद को पकड़ने की कोशिश कर रहे थे। चोट के बाद उन्होंने थोड़ी देर विकेटकीपिंग की, लेकिन दर्द बढ़ने पर मैदान से बाहर चले गए और उनकी जगह ध्रुव जुरेल ने जिम्मेदारी संभाली।
भले ही पंत विकेटकीपिंग न कर सके हों, लेकिन उन्होंने बल्लेबाजी में अपनी उपयोगिता एक बार फिर साबित की। पहली पारी में उन्होंने 74 रनों की जुझारू पारी खेली। दूसरी पारी में भी वह मैदान पर उतरे, लेकिन साफ दिख रहा था कि वह अपनी चोट से परेशान हैं। तेज गेंदबाजों का सामना करते समय वह कई बार घायल हाथ से बल्ला छोड़ते नजर आए, खासकर जब जोफ्रा आर्चर की गेंदों का सामना कर रहे थे।
चौथे दिन जब भारत लक्ष्य के बेहद करीब था, तब पंत सिर्फ 9 रन बनाकर जोफ्रा आर्चर की गेंद पर बोल्ड हो गए। इसके बाद भारत की पारी लड़खड़ा गई और टीम महज़ 22 रन से मैच हार गई। यह मैच आसानी से भारत के पक्ष में जा सकता था।
ऋषभ पंत इस सीरीज में अब तक भारत के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाजों में से एक साबित हुए हैं। उन्होंने अब तक 70.83 की औसत से 425 रन बनाए हैं और टीम के दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं।
चूंकि चौथा टेस्ट अब भारत के लिए ‘करो या मरो’ जैसा बन गया है और सीरीज 2-1 पर है, ऐसे में ऋषभ पंत की फिटनेस बेहद अहम है। ICC के नियमों के अनुसार अगर पंत पूरी तरह से फिट नहीं होते हैं, तो विकेटकीपिंग के लिए उनका स्थान लेना मुश्किल होगा क्योंकि बार-बार की चोट के लिए स्थायी सब्स्टीट्यूट की अनुमति नहीं होती। ऐसे में भारत पंत की 100% फिटनेस की उम्मीद कर रहा है।