भारतीय क्रिकेट के दिग्गज विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की खबर ने क्रिकेट जगत को चौंका दिया। कोहली न सिर्फ भारत के लिए बल्कि टेस्ट क्रिकेट के लिए भी एक प्रेरणा थे। उन्होंने सीमित ओवरों के प्रारूप में तो शानदार प्रदर्शन किया ही, लेकिन उनकी असली पहचान लाल गेंद से क्रिकेट खेलने में थी।
विराट कोहली के लिए 2014 का इंग्लैंड दौरा निराशाजनक रहा था, जहां वे 10 पारियों में सिर्फ 134 रन बना पाए। लेकिन 2018 में उन्होंने उसी जमीन पर वापसी करते हुए 593 रन ठोक डाले और आलोचकों को करारा जवाब दिया। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय टीम में तेज गेंदबाजों की नई क्रांति की शुरुआत भी की, जिसके दम पर भारत पहली बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज़ जीत सका।
इंग्लैंड के मौजूदा टेस्ट कप्तान बेन स्टोक्स ने विराट कोहली की तारीफ करते हुए कहा कि मैदान पर उनकी मौजूदगी की कमी भारत को महसूस होगी। “उनकी प्रतिस्पर्धा की भावना और जीत की भूख भारत को बहुत याद आएगी,” स्टोक्स ने इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) से बातचीत में कहा।
स्टोक्स ने यह भी कहा कि मैदान पर कोहली के साथ मुकाबला करना हमेशा एक जंग की तरह होता था – तीव्रता, जुनून और सम्मान से भरा हुआ। "मैंने उन्हें मैसेज भी किया कि अब हमारे बीच मुकाबला नहीं होगा, यह दुखद है। विराट के खिलाफ खेलना हमेशा मज़ेदार और चुनौतीपूर्ण रहा है," स्टोक्स ने बताया।
ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ग्रेग चैपल ने उन्हें “सबसे ऑस्ट्रेलियाई सोच वाला गैर-ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी” कहा था, और बेन स्टोक्स का मानना है कि कोहली को सिर्फ भारत में ही नहीं, इंग्लैंड में भी उतना ही सम्मान मिला है। “उन्होंने हमेशा इंग्लैंड के खिलाफ अच्छा खेल दिखाया है। वह एक क्लास प्लेयर हैं,” स्टोक्स ने कहा।