टीम इंडिया के स्टार तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह इन दिनों इंग्लैंड दौरे पर हैं, जहां भारत को 5 मैचों की टेस्ट सीरीज़ खेलनी है। लेकिन फैंस के मन में एक सवाल लगातार बना हुआ था — रोहित शर्मा और विराट कोहली के संन्यास के बाद बुमराह को टेस्ट टीम की कमान क्यों नहीं मिली?
अब इस सवाल का जवाब खुद बुमराह ने दिया है। उन्होंने साफ किया कि कप्तानी की जिम्मेदारी उन्होंने खुद ठुकराई, क्योंकि वे सभी टेस्ट मैचों में खेलने की स्थिति में नहीं थे।
स्काई स्पोर्ट्स पर दिनेश कार्तिक से बातचीत में बुमराह ने कहा, “BCCI मुझे टेस्ट टीम की कप्तानी के लिए देख रही थी, लेकिन मैंने खुद मना कर दिया। पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ में अगर मैं दो ही टेस्ट खेलूं और बाकी तीन में कोई और कप्तान हो, तो यह टीम के लिए सही नहीं है। मैं हमेशा टीम को प्राथमिकता देता हूं।”
उन्होंने आगे कहा, “मैंने खुद BCCI को कॉल करके कहा कि मुझे नेतृत्व भूमिका में न देखा जाए, क्योंकि मैं हर मैच नहीं खेल पाऊंगा। मेरी पीठ की सर्जरी हो चुकी है, और मुझे अपने वर्कलोड को लेकर ज़्यादा समझदारी से काम लेना होगा।”
बुमराह ने उन तमाम अटकलों को भी सिरे से नकारा जो उनके कप्तान न बनने को लेकर लगाई जा रही थीं। उन्होंने कहा, “इसमें कोई बड़ी कहानी या विवाद नहीं है। मुझे कप्तानी से हटाया नहीं गया, न ही किसी ने मुझे नजरअंदाज़ किया। IPL के दौरान ही मैंने यह स्पष्ट कर दिया था कि मैं सभी टेस्ट नहीं खेल सकता और टीम के हित में यह ज़रूरी है कि कोई ऐसा कप्तान हो जो सीरीज़ में लगातार खेले।”
बुमराह ने यह भी स्वीकार किया कि कप्तानी उनके लिए मायने रखती थी। “मैंने कप्तानी के लिए मेहनत की थी और यह मेरे लिए गर्व की बात होती। लेकिन कभी-कभी आपको बड़ी तस्वीर देखनी पड़ती है। मुझे कप्तानी से ज़्यादा क्रिकेट से प्यार है। मैं बतौर खिलाड़ी टीम इंडिया को ज्यादा योगदान देना चाहता हूं।”
रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद, BCCI ने शुभमन गिल को अगला टेस्ट कप्तान बनाया है। वह अब इंग्लैंड के खिलाफ अपनी पहली बड़ी सीरीज़ में टीम की अगुवाई करेंगे।
बुमराह का यह फैसला उनकी पेशेवर सोच और टीम-फर्स्ट एटीट्यूड को दर्शाता है। उन्होंने ना केवल अपनी फिटनेस को प्राथमिकता दी, बल्कि टीम की स्थिरता और भविष्य को ध्यान में रखते हुए कप्तानी की पेशकश ठुकरा दी। ऐसे खिलाड़ी ही टीम के असली स्तंभ होते हैं।