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इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ से पहले भारत को लगा तगड़ा झटका, खराब फिटनेस के कारण बाहर हो सकता है ये स्टार गेंदबाज
ऐसे में युवा तेज़ गेंदबाज़ अर्शदीप सिंह या अंशुल काम्बोज को मौका मिल सकता है।
भारतीय क्रिकेट टीम जल्द ही इंग्लैंड दौरे के लिए टेस्ट टीम की घोषणा करने वाली है, लेकिन तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी के शामिल होने की संभावना अब बेहद कम मानी जा रही है। बीसीसीआई की मेडिकल टीम ने सूचित किया है कि शमी इस समय लंबे स्पेल नहीं फेंक सकते और उन्हें पांचों टेस्ट मैचों में खिलाना संभव नहीं होगा।
हालांकि आईपीएल में शमी सनराइजर्स हैदराबाद के लिए चार ओवर का स्पेल फेंक रहे हैं, लेकिन टेस्ट मैचों में 15-20 ओवर का दबाव झेलना एक अलग चुनौती है। इंग्लैंड में होने वाले टेस्ट मैचों में तेज़ गेंदबाज़ों को अधिक मेहनत करनी पड़ती है, और चयन समिति इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं है कि शमी यह भार संभाल पाएंगे या नहीं।
सूत्रों के अनुसार, चयनकर्ता ऐसे गेंदबाज़ों को टीम में देखना चाहते हैं जो पूरी तरह फिट हों और ज़रूरत पड़ने पर लंबे स्पेल डाल सकें। पहले से ही जसप्रीत बुमराह ने बोर्ड को बता दिया है कि वे इस सीरीज़ में अधिकतम तीन ही टेस्ट खेल पाएंगे, ऐसे में एक और सीमित क्षमता वाले गेंदबाज़ को टीम में शामिल करना रणनीतिक दृष्टि से उचित नहीं समझा जा रहा।
शमी की गैरमौजूदगी में युवा तेज़ गेंदबाज़ अर्शदीप सिंह या अंशुल काम्बोज को मौका मिल सकता है। अर्शदीप के पास पिछले सीज़न में केंट की ओर से काउंटी क्रिकेट खेलने का अनुभव है, जो उनके चयन में मदद कर सकता है। वहीं अंशुल काम्बोज ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 22 मैचों में 74 विकेट लिए हैं और उन्हें पहले ही इंडिया ए टीम के इंग्लैंड दौरे के लिए चुना जा चुका है।
चयन समिति आने वाले दिनों में बैठक कर टेस्ट टीम की घोषणा करेगी और नए टेस्ट कप्तान का नाम भी तय किया जाएगा। रिपोर्ट्स के अनुसार शुभमन गिल को टेस्ट टीम की अगुवाई के लिए मजबूत दावेदार माना जा रहा है और उनकी हाल ही में कोच गौतम गंभीर और चयन समिति प्रमुख अजीत अगरकर से मुलाकात भी हुई है।
मोहम्मद शमी ने 2024 में टखने की सर्जरी करवाई थी, जिसके बाद उन्होंने करीब एक साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूरी बनाई रखी। उन्होंने इस साल की शुरुआत में टी20 मैचों के ज़रिए वापसी की और चैंपियंस ट्रॉफी में भी हिस्सा लिया।
शमी ने बीसीसीआई टीवी को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, "मैंने पूरे साल इंतजार किया और बहुत मेहनत की। चोट से लौटना मानसिक रूप से बहुत चुनौतीपूर्ण होता है लेकिन इससे खिलाड़ी और मजबूत बनता है।"
भारतीय फैंस को अब इंतज़ार रहेगा कि चयन समिति शमी की जगह किस तेज़ गेंदबाज़ को मौका देती है और क्या शुभमन गिल को टेस्ट कप्तान बनाया जाता है।