भारतीय क्रिकेट टीम के नए टेस्ट कप्तान शुभमन गिल ने इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स में अपने पहले टेस्ट में शानदार शतक जरूर जड़ा, लेकिन बतौर कप्तान उनकी शुरुआत एक निराशाजनक हार के साथ हुई। भारत को इस मैच में 5 विकेट से हार झेलनी पड़ी और इसके साथ ही गिल ऐसे छठे भारतीय कप्तान बन गए जिन्होंने अपने टेस्ट करियर की कप्तानी की शुरुआत हार से की।
इससे पहले सी.के. नायडू, मंसूर अली खान पटौदी, दिलीप वेंगसरकर, विराट कोहली और जसप्रीत बुमराह भी अपने पहले टेस्ट मैच में कप्तान के रूप में हार चुके हैं।
खास बात यह है कि गिल और बुमराह, दोनों ने ही इंग्लैंड के खिलाफ 350+ रन का स्कोर डिफेंड करने में नाकामी पाई, और भारत की ये दोनों हारें इतिहास में पहली बार ऐसी हुईं जब टीम इतने बड़े लक्ष्य के बावजूद मैच हार गई।
| खिलाड़ी | विपक्षी टीम | हार का अंतर | स्थान | तारीख |
| सी.के. नायडू | इंग्लैंड | 158 रन से | लॉर्ड्स | 25 जून 1932 |
| मंसूर अली खान पटौदी | वेस्टइंडीज | एक पारी और 30 रन से | बारबाडोस | 23 मार्च 1962 |
| दिलीप वेंगसरकर | वेस्टइंडीज | 5 विकेट से | दिल्ली | 25 नवम्बर 1987 |
| विराट कोहली | ऑस्ट्रेलिया | 48 रन से | एडीलेड | 9 दिसम्बर 2014 |
| जसप्रीत बुमराह | इंग्लैंड | 7 विकेट से | बर्मिंघम | 1 जुलाई 2022 |
| शुभमन गिल | इंग्लैंड | 5 विकेट से | लीड्स | 24 जून 2025 |
भारत के पहले टेस्ट कप्तान ने लॉर्ड्स में ऐतिहासिक मुकाबले में टीम का नेतृत्व किया। हालांकि भारत को 158 रनों से हार मिली, पर ये मैच भारतीय क्रिकेट की नींव रखने जैसा था।
21 साल की उम्र में कप्तान बने पटौदी को पहली बार में ही एक मजबूत वेस्टइंडीज टीम के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। हालांकि बाद में उन्होंने भारत के लिए कई ऐतिहासिक जीतें दिलाई।
वेंगसरकर ने कप्तानी की शुरुआत दिल्ली में की और खुद शतक भी जड़ा, लेकिन टीम जीत नहीं सकी।
धोनी की गैरमौजूदगी में कोहली कप्तान बने और पहली पारी में शतक और दूसरी में 141 रन बनाए, पर भारत को 48 रन से हार झेलनी पड़ी।
बुमराह के नेतृत्व में भारत ने मजबूत स्थिति बनाई थी, लेकिन इंग्लैंड ने 378 रन का पीछा करते हुए जीत हासिल कर ली।
गिल ने बतौर कप्तान शतक जरूर जड़ा, लेकिन इंग्लैंड ने 371 रनों का लक्ष्य पांच विकेट से आसानी से हासिल कर लिया।